शुक्रवार, 30 मार्च 2012

सातवीं शक्ति माँ कालरात्रि 7th Form of Goddess - Kaalratri Mata

माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं। इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं। माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ (गदहा) है। ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है। माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर।





जय त्वं देवि चामुंडे जय भूतार्तिहारिणी !
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नामोSस्तु  ते !!

Jaya-Twam Devi Chamunde Jaya Bhootartihaarini !
Jaya Sarwagate-Devi KaalRaatri Namostute !!


Meaning -
देवि चामुंडे ! तुम्हारी जय हो ! सम्पूर्ण प्राणियों की पीड़ा हरने वाली देवि ! तुम्हारी जय हो ! सब में व्याप्त रहने वाली देवि ! तुम्हारी जय हो ! कालरात्रि ! तुम्हे नमस्कार है !!


Despite her terrifying appearance, she is also known as Shubhankari because she is the unparalleled granter of boons and harbinger of success.

The terrible and terrifying energy of goddess Durga is manifested on the seventh day in the form of Kaalratri. Armed with Khadag apart from brandishing the scythe like weapon, Kaalratri is also a 4 armed goddess like Katyayani, her 2 bare hands are also composed in mudras of Var (blessing) and Abhay (Fearlessness).
She is also the most powerful force of protection, a goddess who protects all her devotees from all kinds of harm - physical and metaphysical.

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