बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

गजवदन विनायक की आरती


सुर मुनि-पूजित गणनायक की॥ आरती ..
एकदंत, शशिभाल, गजानन,
विघ्नविनासक, शुभगुण कानन,
शिवसुत, वन्द्यमान-चतुरानन,
दु:खविनाशक, सुखदायक की। आरती ..
ऋद्धि-सिद्धि स्वामी समर्थ अति,
विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति,
अघ-वन-दहन, अमल अविगत गति,
विद्या, विनय-विभव दायक की। आरती ..
पिङ्गलनयन, विशाल शुंडधर,
धूम्रवर्ण, शुचि वज्रांकुश-कर,
लम्बोदर, बाधा-विपत्ति-हर,
सुर-वन्दित सब बिधिलायक की॥ आरती ..

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